हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलफुसुल अलहुम्माह" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الجواد علیه السلام
ثَـلاثٌ يَبْلُغْنَ بِالْعَبْدِ رِضْوانَ اللّه ِ تَعالى: كِثْـرَةُ الاْءسْتِغفـارِ وَ لِينُ الْجانِبِ وَ كَثْرةُ الصَّدَقَةِ. وَ ثَـلاثٌ مَنْ كُنَّ فيهِ لَمْ يَنْـدَمْ: تَرْكُ الْعَجَلةِ وَ المْشَوَرَةِ وَ التَّوَكُّلِ عَلىَ اللّه ِ عِنْدَ الْعَزْمِ.
हज़रत इमाम जवाद अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
तीन चीज़े अगर किसी में पाई जाए तो अल्लाह ताला की खुशनुदी का सबब है और वह तीन चीज़े यह हैं।
ज़्यादा तौबा करना,
अच्छे दोस्त की सोहबत अख्तियार करना,
और ज़्यादा सदका देना
और तीन चीज़े ऐसी हैं जो अगर किसी में पाई जाए तो वह कभी नहीं पछताएगा वह तीन चीज़े यह हैं।
जल्दी बाजी से परहेज़ करना,
कामों को अंजाम देने में राय मशवरा करना,
और जब किसी काम को अंजाम देने का इरादा कर ले तो अल्लाह पर भरोसा करना,
अलफुसुल अलहुम्माह,275/274